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अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लेखपाल संघ का धरना पाचवां दिन कलम हडताड़ जारी वकीलों ने किया मुंशी का बचाव अधिवक्ताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार छुपाने के कि साजिशन बूढ़े मुंशी को फंसाया मुकदमा दर्ज होने के बाद मुचलका पर रिहा हुए हैं मुंशी

*अभियुक्त की गिरफ्तारी के लिए लेखपाल संघ का धरना पाचवां दिन कलम हडताड़ जारी वकीलों ने किया मुंशी का बचाव अधिवक्ताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार छुपाने के कि साजिशन बूढ़े मुंशी को फंसाया मुकदमा दर्ज होने के बाद मुचलका पर रिहा हुए हैं मुंशी*

फतेहपुर। खागा तहसील परिसर में खतौनी कार्यालय में पूर्व प्रधान एवं वकील के मुंशी पर महिला लेखपाल ने छेडखानी का आरोप लगाया। इसके साथ ही लेखपाल का आरोप रहा कि पूर्व प्रधान को थाने में ले जाकर थाने से पुलिस ने छोड़ दिया। इससे नाराज लेखपाल संघ के पदाधिकारी एवं कर्मचारी सहित तहसील परिसर में धरने में बैठकर गिरफ्तारी ना होने तक कार्य बहिष्कार करने का फैसला लिया है।
बताते चलें कि खागा तहसील में बीते शनिवार को तहसील परिसर में लेखपाल संघ के पदाधिकारी एवं सदस्यों सहित धरने में बैठ गये थे। बताया जाता है कि लेखपाल अर्चना सिंह ने पूर्व प्रधान नईम जो कि एक वकील के मुंशी भी हैं और बीते 40 सालों से अरायज नवीस का काम करते आ रहे हैं। महिला लेखपाल द्वारा 72 वर्षीय पूर्व प्रधान एवं मुंशी पर छेडखानी का आरोप लगाकर कहा गया कि जब सरकारी कार्यालय में ही कर्मचारी सुरक्षित नहीं है तो हम लोग बाहर कैसे सुरक्षित रहेंगे, अर्चना सिंह ने कहा कि जो हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री हमेशा खुद कहते हैं कि महिला सशक्तिकरण एवं महिलाओं को हर एक क्षेत्र में कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं फिर भी ऐसी हालत है कि हम लोग सुरक्षित नहीं है, कार्यालय में कोई भी आकर हम लोगों को गलत शब्दों का प्रयोग करके चला जाता है। जिसकी सूचना के बाद खागा पुलिस द्वारा पूर्व प्रधान को थाने लाने के बाद पीड़ित लेखपाल से पहचान करवाया गया। पुलिस द्वारा मुकदमा धारा 132 व 74 दर्ज करके उपरोक्त को थाने से छोड दिया जाता है। जैसे यह सूचना लेखपाल संघ को मिलती है लेखपाल संघ नराज होकर संघ के जिलाध्यक्ष दिनेश सिंह, तहसील अध्यक्ष विपिन सिंह यादव, जिला मंत्री रावेन्द्र कुमार सहित धरने पर बैठ गये, जिसमें तहसील अध्यक्ष विपिन सिंह का कहना है जब तहसील परिसर पर कर्मचारी सुरक्षित नही है तो क्षेत्र मे महिला कर्मचारी के साथ अन्य कर्मचारी क्षेत्र में काम कैसे करेंगे। जिसमें लेखपाल संघ के तहसील अध्यक्ष ने बताया कि जब तक दोषी के ऊपर कार्यवाही करते हुए जेल नही भेजते तब तक सभी सर्किल के राजस्व निरिक्षक व सभी लेखपाल सहित धरने में बैठे रहेंगे। जिसमे सभी लेखपालो ने पीड़ित लेखपाल को भरोसा दिया कि जब तक दोषी को जेल नही भेजा जाएगा तब तक कलमबन्द हड़ताल जारी रखेगे।
तो वहीं विपक्षी और कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बताया कि किसी खतौनी की फीडिंग को लेकर पैसों की लेन - देन में विवाद हुआ है। वहीं 72 वर्षीय पूर्व प्रधान एवं मुंशी ने बताया कि वास्तविकता ये है कि मैं एक खतौनी फीडिंग के लिए गया था जहां पर 500 रुपए की मांग की गई जिसका मैंने विरोध करके उच्चाधिकारियों से शिकायत की बात कही थी जिसके विरोध में लेखपालों द्वारा महिला लेखपाल से गलत तरीके से बहला - फुसलाकर गलत तरीके से मुकदमा दर्ज कराया गया है। चर्चा में कई अधिवक्ताओं ने अपने मुंशी के पक्ष में बयान देते हुए कहा कि ये सारा मामला भ्रष्टाचार को छुपाने का है और पूर्व में अधिवक्ता संघ द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध आवाज उठाई गई थी जिसकी खुन्नस में ये सारा कुचक्र रचा गया है। बार के चुनाव बाद पुनः भ्रष्टाचार पर मजबूती के साथ लड़ाई लड़ी जाएगी।
वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता ख़िज़िर हयात ने बताया कि थाने से मुंशी को मुचलका पर छोड़ा गया है चूंकि धाराएं जो हैं वो 7 साल से कम की सजा वाली हैं इसीलिए इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के मुताबिक 7 साल से कम की सजा वाली धाराओं में आरोप साबित होने से पूर्व गिरफ्तारी नहीं होगी। इस मामले में कई अधिवक्ताओं ने कहा कि लेखपालों का धरना बेवजह है और इससे आम जनमानस का कार्य प्रभावित हो रहा है। साथ ही बताया कि जनपद में धारा 163 लागू है बावजूद इसके धरना करना कहां तक जायज है।

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