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*असोथर ब्लॉक मुख्यालय में नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत किसान सभा आयोजित*

*असोथर ब्लॉक मुख्यालय में नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के तहत किसान सभा आयोजित*


जनपद फतेहपुर के असोथर ब्लॉक के विकास खंड सभागार में गुरुवार को विकास खंड स्तरीय नैनो उर्वरक जागरूकता अभियान के अंतर्गत किसान सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में क्षेत्र के करीब 50 से 60 किसान मौजूद रहे और कृषि विशेषज्ञों से नई तकनीक व नैनो उर्वरकों के फायदे की जानकारी हासिल की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मंडल अध्यक्ष भाजपा श्री शिवप्रताप सिंह, मंडल महामंत्री भाजपा श्री रज्जन शुक्ल, राजकीय कृषि बीज भंडार से शालू गौतम, कृषि रक्षा इकाई से श्री अभिषेक कुमार, समिति असोथर के सचिव श्री मृदुल तिवारी और किसान यूनियन के ब्लॉक अध्यक्ष श्री सोनू सिंह रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष श्री जयदेव सिंह प्रिंस ने की, जबकि संचालन इफको फतेहपुर के क्षेत्राधिकारी श्री साजिद अंसारी ने किया।
कार्यक्रम में श्री साजिद अंसारी ने किसानों को यूरिया प्लस और नैनो डीएपी के उपयोग की विधि और लाभ विस्तार से समझाए। उन्होंने बताया कि धान की रूपाई के समय 5 मिली नैनो डीएपी को एक लीटर पानी में घोलकर जड़ों को 30 मिनट तक भिगोने के बाद बुआई करें। इसके बाद 50 दिन पर 500 मिली नैनो यूरिया, 250 मिली नैनो डीएपी और 250 मिली सागरिका का स्प्रे करना लाभकारी होगा।
अन्य फसलों में बुआई से पहले 5 मिली नैनो डीएपी प्रति किलो बीज मिलाकर बोने से अच्छा अंकुरण और जमाव होता है। साथ ही NPK कॉन्सोर्टिया-जैव उर्वरक के प्रयोग से खेत में मृदा जीवों की संख्या बढ़ेगी और प्रति हेक्टेयर नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश की पर्याप्त उपलब्धता होगी।
सभा में किसानों ने कई प्रश्न पूछे जिनका कृषि विशेषज्ञों ने समाधान किया। समिति अध्यक्ष श्री जयदेव सिंह प्रिंस ने कहा कि किसान कम मात्रा में रासायनिक खाद का प्रयोग करें और आधी खाद की जगह नैनो डीएपी व नैनो यूरिया का प्रयोग करें, जिससे बेहतर उत्पादन के साथ लागत भी घटेगी।
SFA श्री अरविन्द कुमार ने किसानों को नैनो उर्वरक अपनाने के लिए प्रेरित किया और बताया कि नैनो जिंक तथा नैनो कॉपर को 1–2 मिली प्रति लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करने से उत्पादन में वृद्धि होगी।
श्री कपिल गंगवार ने कहा कि इफको नैनो उर्वरक को कीटनाशकों व खरपतवारनाशकों के साथ मिलाकर भी प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन आवश्यक सावधानियां अवश्य बरती जाएं।
कृषि विभाग के पदाधिकारियों ने किसानों से अपील की कि वे खाद का कम प्रयोग करें और नैनो यूरिया प्लस व नैनो डीएपी को अपनाकर अपनी पैदावार बढ़ाएं। विशेषज्ञों का कहना था कि ये उर्वरक कम लागत में अधिक उपज दिलाने में मददगार साबित होंगे।

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