अलीगढ़ जिले में बीती देर रात एक ऐसा सड़क हादसा हुआ जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। हाईवे पर तेज रफ्तार से दौड़ रही एक कार का टायर अचानक फट गया। नियंत्रण खोने से कार डिवाइडर पार कर दूसरी साइड पहुंच गई और सामने से आ रहे कैंटर में सीधी टक्कर मार दी।
टक्कर इतनी भीषण थी कि देखते ही देखते दोनों वाहनों में आग भड़क उठी। कुछ ही सेकेंड में आग ने विकराल रूप ले लिया और कार में सवार चार लोग मौके पर ही जिंदा जलकर मौत के शिकार हो गए। हादसे के बाद हाईवे पर चीख-पुकार मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
दमकल विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग पर काबू पाया, लेकिन तब तक सबकुछ राख हो चुका था। पुलिस ने चारों शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं।
सवाल जो व्यवस्था से पूछने जरूरी हैं…
क्या हाईवे पर दौड़ने वाले वाहनों की तकनीकी जांच समय पर हो रही है?
क्या टायरों की गुणवत्ता और वाहनों की फिटनेस को लेकर कोई सख्त नीति नहीं बननी चाहिए?
क्या हादसों के बाद केवल औपचारिक कार्रवाई ही हमारी प्रशासनिक जिम्मेदारी रह गई है?
इस तरह के हादसे सिर्फ एक परिवार नहीं उजाड़ते, बल्कि समाज के हर व्यक्ति को असुरक्षा का एहसास कराते हैं। अब वक्त आ गया है कि हम सभी सड़क सुरक्षा को चुनावी वादों और सरकारी फाइलों से निकालकर ज़मीनी हकीकत बनाएं।
जब तक हम मिलकर "सुरक्षित सड़क – सुरक्षित जीवन" की मुहिम को आंदोलन नहीं बनाएंगे, तब तक ऐसी दर्दनाक घटनाएं होती रहेंगी।
याद रखिए – एक ज़िम्मेदार चालक न केवल अपनी, बल्कि अनगिनत जिंदगियों की रक्षा करता है।
अलीगढ़ हाईवे पर कार और कैंटर की टक्कर, आग में झुलसकर चार लोगों की मौत – हाईवे सुरक्षा पर उठे सवाल
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