मेरठ। जिले से एक चौंकाने वाली और विवादास्पद खबर सामने आई है। वह महिला मुस्कान, जिसने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर अपने पति सौरभ की हत्या कर उसे नीले ड्रम में पैक किया था, अब जेल में धार्मिक व्रत और पूजा-पाठ में लीन दिखाई दे रही है।
जेल प्रशासन ने पुष्टि की है कि मुस्कान ने नवरात्रि में व्रत रखा है और हर दिन सुंदरकांड का पाठ करती है। जेल में उसके चेहरے पर पहले जो क्रूरता और निर्दयता दिखाई देती थी, अब वहाँ कर्म की तपस्या और आत्मग्लानि की झलक दिखाई देती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह आत्मग्लानि हो सकती है या केवल छवि सुधारने की कोशिश, इसका निर्णय मुश्किल है। बावजूद इसके, मुस्कान की यह आध्यात्मिक गतिविधि जेल में रहने वाले अन्य कैदियों और प्रशासन के लिए भी एक चिंतन का विषय बन गई है।
यह मामला हमें याद दिलाता है कि गलत कर्म का परिणाम कभी भी कम नहीं होता। ND NEWS की अपील है कि लोग कभी भी क्रूरता और अपराध के रास्ते न अपनाएं, क्योंकि समाज और कानून दोनों ही आखिरी मोड़ पर इंसाफ करते हैं।
धार्मिक आस्था और आत्ममंथन केवल मन की शांति दे सकता है, लेकिन कर्म का फल हमेशा भुगतना पड़ता है।
जेल प्रशासन ने पुष्टि की कि मुस्कान व्रत और पूजा-पाठ में लीन है।
यह घटना यह सवाल भी खड़ा करती है कि क्या अपराध के बाद आध्यात्मिक मोड़ अपनाना वास्तविक आत्मग्लानि है या छवि सुधारने का तरीका।
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